श्री हनुमान अष्ट नाम अष्टक लिरिक्स Hanuman Ashtnam Ashtak Lyrics

श्री हनुमान अष्ट नाम अष्टक लिरिक्स Hanuman Ashtnam Ashtak Lyrics

भोलेनाथ ने वायुदेव को,
दे निज तेज तुरंत पठायो,
वायुदेव ने कर्ण मार्ग से,
अंजना गर्भ मे तेज बिठायो,
तप को मान राखन को भोले,
अंजनी के लाल कहायो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
अंजनिसुत है नाम तिहारो।

बाल समय भानु भक्ष लियो तुम,
जान के फल कोई न्यारो न्यारो,
संकट जानि सभी सुरगण तब,
आकर तुमको सीश नवायो,
किन्ह कृपा रवि छाडी दीयौ,
प्रभु तिनहू लोक भयो उजियारो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
दिनकरशिष्य है नाम तिहारो।

वज्र प्रहारा टूटी हनु तब,
पितु वायुदेव को क्रोध है आयो,
आशीष रूपी वरदान अनगिन,
देव सभी तुमको दे डारो,
वज्र का मान है भंग कियो,
और बजरंगी तुम हो कहलायो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
बजरंगबली है नाम तिहारो।

जाय सहाय भयो तबही,
सुग्रीव को राम के मित्र बनायो,
बालि के वध मे होके सहायक,
वानरराज सुग्रीव बनायो,
राम के काज सवारन को,
कपि सेना किष्किंधा तुरंत बुलायो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
संकटमोचन नाम तिहारो।

बिसरो बल जब ध्यान दिलाये,
तब त्रिविक्रम प्रभु रूप है धारो,
राम के नाम को मुख में रखयो,
और शत जोजन सागर है पारो,
बाधा बनि सिम्हिका लंकिनी जब,
क्षण मे प्रभु तुम दोउ मिटायो,
को नहि जानत है जग में प्रभु,
अतुलबलधाम नाम तिहारो।

सीता मिली आशीष दयी तुम,
क्षण मे बिटप सब तुम हो उजारो,
अक्षकुमार यमलोक पठा और,
इंद्रजीत को मान मिटायो,
देखत देखत रावण के तुम,
कनकपूरी को भू में मिलायो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
राक्षसअंतक है नाम तिहारो।

शक्ति लगि जब लक्ष्मण को तब,
भवन समेत सुशेन ले आयो,
रात ही रात मे हिमपर्वत से,
द्रोणाचल गिरी को लंका ले आयो,
सास लखन की चलने लगी,
और प्राण प्रभु श्रीराम मे आयो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
लखनप्राणदाता नाम तिहारो।

राम के नाम को जाप करो तुम,
तन मन मे श्री राम बसायो,
अतुलित बल के धाम हो,
लेकिन रामचरण सदा उर धारो,
राम के नाम का लेके सहारा,
जनकल्याण का ध्येय है धारो,
को नही जानत है जग में प्रभु,
श्रीरामदूत है नाम तिहारो।
 



Agam - Shree Hanuman Asht Naam Ashtak | श्री हनुमान अष्ट नाम अष्टक | Dhananjay Tiwari

Latest Bhajan Lyrics
 
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url