भावना की भूखी है माँ लिरिक्स Bhawana Ki Bhukhi Hai Maa Lyrics
भावना की भूखी है माँ लिरिक्स Bhawana Ki Bhukhi Hai Maa Lyrics
भावना की भूखी है माँ,और भावना ही एक सार है,
भावना से जो माँ को भजे,
उसका तो बेड़ा पार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।
अन धन और वस्त्र आभूषण,
कुछ ना माँ को चाहिये,
आप हो जाये माँ का,
आप हो जाये माँ का,
पूर्ण ये सत्कार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।
भाव बिना सुना पुकारे,
तो माँ सुनती नही,
भावना की एक विनती,
भावना की एक विनती,
करती माँ को लाचार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।
भाव बिना सब कुछ दे डाले,
तो माँ लेती नही,
भावना से एक पुष्प भी,
भावना से एक पुष्प भी,
भेंट माँ को स्वीकार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।
जो भी भक्ति भाव रखकर,
लेते है माँ की शरण,
माँ के और उसके दिल का,
माँ के और उसके दिल का,
रहता एक सार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।
बांध लेते माँ को भक्त,
प्रेम की जंजीर से,
तभी तो इस भूमि पर,
तभी तो इस भूमि पर होता,
माँ का अवतार है,
भावना की भूखी है माँ,
और भावना ही एक सार है।