बिना चंदा बिना भाण सूरज बिना होया उजियारा लिरिक्स Bina Chanda Bina Bhan Lyrics
अरे बिना चंदा रे बिना बाण सूरज बिना होया उजियाला हैहै परलोगा मति जाये हेली निरखले वही उणीयारो है
पर हेली म्हारी है गुंगो रे गावे राग बैरो सुनने वालों है
अरे टुंटो वहा नाचे नाच आंदो वहा देखण वालों है
अरे बिना चंदा रे बिना बाण सूरज बिना होया उजियाला है
पर हेली म्हारी हे सोहन सिकलगड़ माय साथे है एक जोगी मतवलो है
हेली म्हारी नही अगन भभुत नहीं है कोई तापन वालों है
अरे बिना चंदा रे बिना बाण सूरज बिना होया उजियाला है
पर हेली म्हारी गगन मंडल के माय मचयो है झगड़ो भारी है
कायर को है नही काम कायर को वहा कई पतियारो है
अरे बिना चंदा रे बिना बाण सूरज बिना होया उजियाला है
पर हेली म्हारी गावे गुलाबी यो गाँव खुलियां है म्हारा हिरदा का ताला है
है बोल्या भवानी नाथ, होया है म्हारा घट उजियाला है
अरे बिना चंदा रे बिना बाण सूरज बिना होया उजियाला है
2
जल में बसे कामोदिनी ,चन्दा बसे आकाश ।
जो जाके हिरदे बसे, बो वाही के पास।।
बिन पावन का पंथ है बिन बस्ती का देश
बिना पिंड का पुरुष है,कहें कबीर संदेश ।।
भजन
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
पर लोगा मत जाय ,परखले यही उनियारो है।।
01.हेली म्हारी ,गूंगो गावे है राग ,बेरो अब सुनवा लागों रे,
पंगलिया नाचे नाच ,आंधलियो नरखन लागों।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
2.हेली म्हारी ,गगन मंडल के बीच तापे एक जोगी मतवालों है,
नही अगन वां भभूत ,नही कोई तापन वालो है ।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
3.हेली म्हारी ,सुन्न शिखर के बीच ,मच्यो एक झगड़ो भारी रे,
नही कायर को वां, कायर को कई पतियारो है।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
4.हेली म्हारी,गावे ग़ुलाबी दास, खुल्या म्हारा हिरदा रा ताला है
बोल्या भावनिनाथ होया म्हारे घट उजियारा है ।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।
जो जाके हिरदे बसे, बो वाही के पास।।
बिन पावन का पंथ है बिन बस्ती का देश
बिना पिंड का पुरुष है,कहें कबीर संदेश ।।
भजन
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
पर लोगा मत जाय ,परखले यही उनियारो है।।
01.हेली म्हारी ,गूंगो गावे है राग ,बेरो अब सुनवा लागों रे,
पंगलिया नाचे नाच ,आंधलियो नरखन लागों।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
2.हेली म्हारी ,गगन मंडल के बीच तापे एक जोगी मतवालों है,
नही अगन वां भभूत ,नही कोई तापन वालो है ।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
3.हेली म्हारी ,सुन्न शिखर के बीच ,मच्यो एक झगड़ो भारी रे,
नही कायर को वां, कायर को कई पतियारो है।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।।
4.हेली म्हारी,गावे ग़ुलाबी दास, खुल्या म्हारा हिरदा रा ताला है
बोल्या भावनिनाथ होया म्हारे घट उजियारा है ।।
बिना चन्दा रे बिना भान, सूरज बिना होया उजियारा रे।