देखी बहुत निराली महिमा सत्संग की लिरिक्स Dekhi Bahut Nirali Lyrics
देखी बहुत निराली महिमा सत्संग की लिरिक्स Dekhi Bahut Nirali Lyrics
देखी बहुत निराली,महिमा सत्संग की,
सत्संग की,
भक्तों कीर्तन की,
कैसी अजब निराली,
महिमा सत्संग की।
सत्संग में है मोती हीरे,
मिलते हैं पर धीरे धीरे,
जिसने खोज निकाली,
महिमा सत्संग की,
देखी बहुत निराली,
महिमा सत्संग की।
सत्संग ही सब संकट टारे,
डूबते को सत्संग ही तारे,
सदा रहे खुशहाली,
महिमा सत्संग की,
देखी बहुत निराली,
महिमा सत्संग की।
सत्संग उत्तम तीरथ भाई,
करते हैं जो नेक कमाई,
कर्म हीन रहे खाली,
महिमा सत्संग की,
देखी बहुत निराली,
महिमा सत्संग की।
सत्संग में सब,
मिलकर आओ,
जीवन अपना,
सफल बनाओ,
अंत पिटे नहीं ताली,
महिमा सत्संग की,
देखी बहुत निराली,
महिमा सत्संग की।