मैं किस विधि दर्शन पाऊं मैया बैठी रे पहाड़ों

मैं किस विधि दर्शन पाऊं मैया बैठी रे पहाड़ों में

मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में,
यहां घोड़ा चले ना गाड़ी,
मैं कैसे आऊं रे पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरे हाथ में लोटा,
गंगाजल हे मैया,
मैं किस विधि तुम्हें नहवाऊ,
की मैया बैठी रे पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरा हाथ में डलिया,
फूलों की हे मैया,
मैं किस विधि हार चढ़ाऊं,
की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरे हाथ कटोरी,
केसर की हे मैया,
मैं किस विधि तिलक लगाऊं,
की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरा हाथ में थाली,
मेवा की हे मैया,
मैं किस विधि भोग लगाऊ,
की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरे हाथ चुनरिया,
गोटे की हे मैया,
मैं किसी विधि तुम्हें औढाऊ,
की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।

मेरे हाथ में ढोलक,
मंझरिया हे मैया,
मैं किसी विधि भजन सुनाऊ,
की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं,
मैया बैठी रे पहाड़ों में।
 


।। मैया बैठी री पहाड़ों में ।। MAIYA BAITHI RE PAHADO ME ।। #devigeet #navratrebhajan

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