मैं महलों की रहने वाली तू है भोले पर्वत वासी
मैं महलों की रहने वाली तू है भोले पर्वत वासी
तेरा मेरा मेल मिले ना,क्या करना इस जोड़ी का,
नाथ तेरा नंदी पे चाले,
तने चस्का घोड़ा गाड़ी का।
मैं महलों की रहने वाली,
तू है भोले पर्वत वासी,
तेरा मेरा यूं मेल नहीं,
सुनले शिव भोले कैलाशी,
ओ गौरा तू ध्यान लगा,
अपने भोले भंडारी का,
नाथ तेरा नंदी पे चाले,
तने चस्का घोड़ा गाड़ी का।
सुनले गौरा तू बात मेरी,
क्यों अपनी जिद पर तू है अड़ी,
बातें करती है बड़ी बड़ी,
तू जल्दी घोट दे भांग मेरी,
नखरा प्यारा लगता मुझको,
अपनी गौरा प्यारी का,
नाथ तेरा नंदी पे चाले,
तने चस्का घोड़ा गाड़ी का।
ना घोटू भोले भांग तेरी,
मैं अपने पीहर चाल पड़ी,
एक दिन घोटी दो दिन घोटी,
मैं घोटत घोटत हारी गई,
ना जइयो गौरा छोड़ मने,
तू छोड़ दे चस्का पीहर का,
नाथ तेरा नंदी पे चाले,
तने चस्का घोड़ा गाड़ी का।
Tu Raja Ki Raj Dulari