मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है
मैया मुझे मालूम नहीं,तुम्हें कैसे सजाया जाता है,
टीका भी पहनाया जाता है,
बिंदिया भी लगाई जाती है,
कजरे की डिबिया ला करके,
आंखों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे सजाया जाता है।
नथनी भी पहनाई जाती है,
हरवा भी पहनाया जाता है,
चुन चुन के कलियां फूलों की,
मां को हार पहनाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे सजाया जाता है।
कंगन भी पहनाए जाते हैं,
चूड़ियां भी पहनाई जाती हैं,
घिस घिसकर मेहंदी,
मैया के हाथों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे सजाया जाता है।
पायल भी पहनाई जाती है,
बिछुआ भी पहनाए जाते हैं,
महावर की पुड़िया ला कर के,
पैरों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे सजाया जाता है।
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे मनाया जाता है,
चौकी भी सजाई जाती है,
दरबार सजाया जाता है,
नवरात्रों में ज्योत जला करके,
मेरी मां को मनाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे मनाया जाता है।
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे भोग लगाया जाता है,
हलवा भी बनाया जाता है,
छोले भी बनाए जाते हैं,
मेवा मिष्ठान मंगा करके,
मां को भोग लगाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं,
तुम्हें कैसे भोग लगाया जाता है।
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हे कैसे सजाया जाता है || MAIYA MUJHE MALUM NAHI TUMHE KESE SAJAYA JATA HAI