मन के बहकावे में ना आ

मन के बहकावे में ना आ

मन के बहकावे में ना आ,
मन राह भुलाये भर्म में डाले,
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले,
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले।

जूठी काया जूठी माया,
जूठा जग सब ध्यान हटाले,
पल भर के सब संगी साथी,
एक ईश्वर का नाम रटाले,  
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले।

सुख दुख है सब मन के खिलोने,
इस मन को तू आज बताले,
खोया न रे वस मन के भरोसे,
विषियो से वैराग करा ले,  
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले।

मन के चलत है जो भी प्राणी,
अंत समय सब दुख ही पाते,
ऐसा सतगुरु मन के बनाले,
जो आवा गमन सब आप,  
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले।

भर्म का ध्यान पड़े मन के जब,
बुद्धि चित प्रभु प्रेम जगाले,
धरम तंवर ये कहते है भाई,
मन की चाल समझ नी पाई,  
तू इस मन का दास ना बन,
इस मन को अपना दास बनाले।
 



man ke bahkave me na aa मन के बहकावे में न आ Dharmendra Tanwar चेतावनी भजन

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