मन मंदिर में प्रेम जगा ले लिरिक्स Man Mandir Me Prem Jaga Le Lyrics

मन मंदिर में प्रेम जगा ले लिरिक्स Man Mandir Me Prem Jaga Le Lyrics

मन मंदिर में प्रेम जगा ले,
ओठों पर मुस्कान ला ले,
सबकी थोड़ी सेवा कर ले,
मिट जायेगी तृष्णा।

कृष्ण कृष्ण हरे कृष्ण हरे,
राम राम राम हरे कृष्ण,
राम राम हरे राम,
हरे कृष्ण हरे राम।

कैसा जीवन तू जी रहा,
कितना संकट तू सह रहा,
कितने दुख पाते हो प्राणी,
फिर भी जीना तू चाहता,
दिल में दुख को सदा छिपा ले,
मुख पर चैन का चिह्न ला ले,
सबकी थोड़ी चिन्ता कर ले,
मिट जाएगा त्रासना।

कृष्ण कृष्ण हरे कृष्ण हरे,
राम राम राम हरे कृष्ण,
राम राम हरे राम,
हरे कृष्ण हरे राम।

तू भगवान से क्या मांगता,
देरी होगी तू नहीं जानता,
तू न जाने अपना अच्छा,
सोच सदा भगवान की ईच्छा,
तन में तरंग उमंग जगा ले,
अंग अंग में यौवन ला ले,
अपनी शक्ति दृढ़ दिखा दे,
पूर्ण होगी प्रार्थना।

कर्म ही है भक्ति का रस्ता,
सब कुछ रहता भाग्य में लिखा,
बांकि बचे प्राणी की पूजा,
कितनी उसमें समर्पण श्रद्धा,
स्वयं में स्वयं की त्रुटि छिपा ले,
औरों का गुण स्वयं में ला ले,
अपनी भक्ति गहरी दिखा दे,
जग जायेगी आत्मा।

कृष्ण कृष्ण हरे कृष्ण हरे,
राम राम राम हरे कृष्ण,
राम राम हरे राम,
हरे कृष्ण हरे राम।
 



कृष्ण भजन | राम भजन | Man Mandir Mein | मन मंदिर में | Krishna Beuraa | Sanjay Kumar Thakur

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