मन उसी की करो प्रार्थना
मन उसी की करो प्रार्थना,
मन उसी की करो प्रार्थना,
जिसने जीवन दिया,
जिसने दी आत्मा ,
जो है संसार में,
सबका परमात्मा,
मन उसी की करो प्रार्थना,
मन उसी की करो प्रार्थना।
जग में सबसे बड़ी एक ही शक्ति है,
उसकी भक्ति से बढकर नहीं भक्ति है,
छल कपट लोभ के सारे संताप से,
बस उसी की शरण में तेरी मुक्ति है,
वो हरेगा तेरी यातना,
मन उसी की करो प्रार्थना,
मन उसी की करो प्रार्थना।
भेद वो तो किसी में नहीं देखता,
चाहता है वो सब में रहे एकता,
उसको इंसान बनकर दिखाएंगे हम,
क्या हुआ बन ना पाए अगर देवता,
जिसने दी ये हमें भावना,
मन उसी की करो प्रार्थना,
मन उसी की करो प्रार्थना।