मांगने की आदत तो जाती नहीं है

मांगने की आदत तो जाती नहीं है

जैसा चाहो वैसा समझना,
बस तुमसे है इतना कहना,
मांगने की आदत तो जाती नहीं है,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं है,
जैसा चाहो वैसा समझना।

बड़े बड़े पैसे वाले भी,
तेरे द्वार पे आते है,
मुझे मालूम है ये मैया,
तुमसे मांग के जाते है,
मांगने में इज्ज़त तो जाती नहीं है,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं है,
जैसा चाहो वैसा समझना।

तुझसे माँ मैं शर्म करू तो,
और कहाँ मैं जाऊँगा,
मैं अपने परिवार का खर्चा,
और कहाँ से लाऊंगा,
ये दुनिया तो बिगड़ी बनाती नहीं है,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं है,
जैसा चाहो वैसा समझना।

जैसा चाहो वैसा समझना,
बस तुमसे है इतना कहना,
मांगने की आदत तो जाती नहीं है,
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं है,
जैसा चाहो वैसा समझना।
 



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