शिव शंकर की करती मैं भक्ति लिरिक्स Shiv Shankar Ki karati Main bhakti Lyrics
शिव शंकर की करती मैं भक्ति लिरिक्स Shiv Shankar Ki karati Main bhakti Lyrics
शिव शंकर की करती मैं भक्ति,उनसे मिलती मुझको शक्ति
मुक्ति के स्वामी मेरे शंकर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर।
ऐसा कोई दिन ना आए,
जिस दिन शिव गुणगान ना गाए,
शिवजी की छवि को मैंने,
मन मंदिर में बसाई,
प्यासी दासी बन के बाबा,
तेरे दर पे आई।
शिव शंकर की करती मैं भक्ति,
उनसे मिलती मुझको शक्ति
मुक्ति के स्वामी मेरे शंकर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर।
सुन ले मेरी अब तो अर्जी,
डमरू वाले मेरे शिव जी,
सब कुछ मुझे मिला है बाबा,
आप की कृपा से,
दर्शन देके भोले बाबा,
मुझको धन्य कर दो।
शिव शंकर की करती मैं भक्ति,
उनसे मिलती मुझको शक्ति
मुक्ति के स्वामी मेरे शंकर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर,
अंतर्यामी है विश्वेश्वर।