मर गई कान्हा तेरी मारी लिरिक्स Mar Gayi Kanha Lyrics
मर गई कान्हा तेरी मारी लिरिक्स Mar Gayi Kanha Lyrics
मर गई कान्हा तेरी मारी,मैंने घर की कर दयी बर्बादी,
मर गई कान्हा तेरी मारी।
अपने को ये महल ना भावे,
गुर्जरी की झोपड़ी में बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।
घर के तो ये बिस्तर ना भावे,
गुजरी की गुदड़ी पे बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।
घर के तो ये माखन ना भावे,
गुजरी की छाछ पर बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।
घर के तो ये भोजन ना भावे,
गुजरी की खिचड़ी पर बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।
घर के तो ये बालक ना भावे,
गुजरी के पिल्लों में बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।
घर के तो ये कपड़े ना भावे,
गुर्जरी के लहंगा पे बड़ौ राजी,
मर गई कान्हा तेरी मारी,
मैंने घर की कर दयी बर्बादी।