माया के गुलाम गीदड़, क्या जाने तू बंदगी, वहाँ से आया नाम भजन को, और यहाँ लगाता फंदगी, केसर जेसी क्यारी बोई, और बीज लगाता गंदगी, ना साधु का ना संत का, तो नहालक तेरी जिंदगी।
माया माया सब कहे, माया चिन्हे नहीं कोय, जो मन से ना उतरे, माया कहावे सोय।
महा ठगणी हम जानी रे, माया महा ठगणी हम जानी,
Latest Newest Bhajans Complete Lyrics in Hindi (New Bhajan)
तिरगुण फांस लिये कर डोले, बोले मधुरी बाणी।
केशव के कमला हुई बैठी, शिव के भवन भवानी, पंडा के मूरत हुई बैठी, तीरथ हूँ में पाणी।
योगी के योगिन हुई बैठी, राजा के घर रानी, कहू के हीरा हुई बैठी, काहू के कौड़ी काणी।
भक्तों के भक्तिन हुई बैठी, ब्रह्मा के ब्राह्मणी, कहै कबीर सुणो भाई साधो, ये सब अकथ कहानी।
माया महा ठगणी हम जाणी || Maya Maha Thagani Hum Jaani || Kabir Bhanaj || By Prahlad Singh Tipanya