मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा
सुनो बृज दे लोको,मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा,
सुनो बृज दे लोको,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा।
मथुरा में ढूंढ आई,
गोकुल में ढूंढ आई,
मैं ढूंढ लिया जग सारा,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा,
सुनो बृज दे लोको,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा।
फूलो में ढूंढ आई,
कलियों में ढूंढ आई,
मैंने ढूंढा मधुबन सारा,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा,
सुनो बृज दे लोको,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा।
जंगलो में ढूंढ आई,
मंदिरो में ढूंढ आई,
मैंने ढूंढा निधिवन सारा,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा,
सुनो बृज दे लोको,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा।
गंगा में ढूंढ आई,
यमुना में ढूंढ आई,
मै ता ढूंढ लेया सागर सारा,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा,
सुनो बृज दे लोको,
मेरा श्याम ग्वाचा नहियो लबदा।
जरूर सुनना यह भजन ढूंढो ढूंढो रे बृज दे लोको मेरा श्याम गवाचा नहींयो लगदा