मेरे घर आना नंदलाला तुम्हें माखन लिरिक्स Mere Ghar Aana Nandlala Lyrics
मेरे घर आना नंदलाला तुम्हें माखन लिरिक्स Mere Ghar Aana Nandlala Lyrics
मेरे घर आना नंदलाला,तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
तुम्हें मिश्री खिलाऊंगी,
मेरे सोहना ओ मनमोहना,
तुम्हें अपना बनाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी।
मुकुट में मोर पंखों के यह रंग,
नैनो को भाते हैं,
है सुख दुख रंग जीवन के,
यह दुनिया को बताते हैं,
मुझे यह भेद बतलाना,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी।
तेरी यह बांस की बंसी,
यह दुनिया को नचाती है,
पड़े जब मेरे कानों में यह,
दुनिया भूल जाती है,
मेरे अंगना आजा कान्हा,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी।
गले में बैजंती माला,
सभी का दिल लुभाती है,
बंधे सब एक डोरी से,
यह दुनिया को बताती है,
मुझे यह योग सिखलाना,
तो मैं माखन खिलाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला।
तुम्हारे पांव के घुंघरू,
जमाने को लुभाते हैं,
गीत संगीत ही जीवन,
यह दुनिया को बताते हैं,
मेरे घर नच के दिखलाना,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला।
मेरे घर आना नंदलाला,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी,
तुम्हें मिश्री खिलाऊंगी,
मेरे सोहना ओ मनमोहना,
तुम्हें अपना बनाऊंगी,
मेरे घर आना नंदलाला,
तुम्हें माखन खिलाऊंगी।