सरवन जल झाड़ी लेकर, भरने चला नीर रे, चलते ही चलते पहुंचा, सरयू के तीर रे।
अंधे दोनों मात पिता को, कावड़ में बैठार के, सब तीरथ करवा लाया हूं, कावड़ में बैठार के,
मिटे से मिटती नहीं है, कर्म की लकीर रे, चलते ही चलते पहुंचा, सरयू के तीर रे।
बोले दोनों मात पिता बेटा, बड़ी जोर से प्यास लगी, जल्दी से जाना सरवन, लाना ठंडा नीर रे,
New Bhajan 2023
चलते ही चलते पहुंचा, सरयू के तीर रे।
अवधपुरी के राजा दशरथ, खेलन चले शिकार रे, मृग के धोखे में आकर, कस के मारा तीर रे, चलते ही चलते पहुंचा, सरयू के तीर रे।
अंधे दोनों मात पिता को, पहले नीर पिलाना है, फिर मेरे मरने का कारण, सभी उनको बतलाना हैं, रोय मरेंगे दोनों हो के अधीर रे, चलते ही चलते पहुंचा, सरयू के तीर रे।
चलते चलते श्रवण पहुंचा सरयू के तीर रे //श्रवण कुमार का दर्द भरा बहुत सुन्दर भजन #ढोलक#bhajan