सतगुरु के चरणों में बस मेरा ठिकाना है

सतगुरु के चरणों में बस मेरा ठिकाना है

सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है,
चरणों में छुपा तेरे,
साईं तेरा खजाना है,
सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है।

मोह माया में फंस कर के,
तुझको मैं भूल गया,
जो शरण पड़ा तेरी,
झट तूने कुबूल किया,
अब ज्ञान का हृदय में,
इक दीप जलाना है,
सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है।

मैं भटक रहा कब से,
मंजिल ही नहीं मिलती,
सूने मन उपवन में,
कलियां ही नहीं खिलती,
मेरे मन का मुरझाया,
वो फूल खिलाना है,
सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है।

अंधियारा मिटा दो तुम,
साईं महिमा में गाऊं,
संतो के समागम में,
भीतर तक रम जाऊं,
इस भक्त को मुक्ति का,
रस्ता दिखलाना है,
सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है।

सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है,
चरणों में छुपा तेरे,
साईं तेरा खजाना है,
सतगुरु के चरणों में,
बस मेरा ठिकाना है।
 


सतगुरु जी का दिल को छू लेने वाला बहुत ही सुंदर भजन जरूर सुनें सतगुरु के चरणों में 

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