सुना पड़ा दरबार मैया रानी का भजन

सुना पड़ा दरबार मैया रानी का भजन

 
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का भजन

सुना पड़ा दरबार मैया रानी का,
बंद हुआ संसार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

दूर विदेश से यह दुख आया,
कोरोना याको नाम बताया,
हो रही हाहाकार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

सारे जग की तुम रखवाली,
मैया मेरी शेरावाली,
सुन भक्तों की पुकार,
भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

जब जब भीर पड़ी भक्तों पर,
कृपा करी मां तुमने सब पर,
तुम दुर्गा कहलाए भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

तु ही दुर्गा तु ही काली,
अष्टभुजी मां मेहरा वाली,
तेरे भरोसे संसार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

जैसे मां दुष्टों को मारा,
महिषासुर को तूने संघारा ,
विपदा मिटाओ आज,
भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

तुमको सुमिरे तुम्हें मनावे,
तेरे चरणों में शीश झुकाए,
जग की पालनहार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

सुना पड़ा दरबार मैया रानी का,
बंद हुआ संसार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का।

Mata O Mata Full Audio Song | JASWANT SINGH | Devotional Song | T-Series Bhakti Sagar

Bhajan: MATA O MATA
Singer: JASWANT SINGH
Lyricist: BRAMHALEEN SWAMI AKHILESH JI
Director: JASWANT SINGH
Artist: JASWANT SINGH
Album: PRABHU KI JYOT
Music Label: T-Series 

यह भाव उस कालखंड की स्मृति जगाता है जब सम्पूर्ण मानव समाज भय और अनिश्चितता में घिर गया था। जब हर दिशा मौन थी, जीवन ठहर सा गया था, तब विश्वास की अंतिम किरण माँ के चरणों में झुकी हुई दिखाई दी। यह वह पुकार है जो संकट के समय स्वतः हृदय से निकलती है—"माँ, अब तू ही सहारा है"। जब इंसान की सीमाएँ टूटने लगती हैं, तब भक्ति की डोर और मज़बूत हो जाती है। माँ दुर्गा यहाँ केवल आदिशक्ति नहीं, बल्कि वह मातृबल हैं जो मनुष्यता को संभालती हैं, भय को मिटाती हैं, और जीवन में आशा का प्रकाश जगाती हैं। 

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