तारो तारण हारी लिरिक्स Taro Taranhari Lyrics
तारो तारण हारी लिरिक्स Taro Taranhari Lyrics
तारो तारण हारी,किशन कन्हाई तोरा नाम,
तारो तारण हारी,
तारे जो हज़ारों तुमने,
क्या मेरा नहीं नाम,
तारो तारण हारी।
जैसी राह मिली जग में,
मैं वैसी चलती आई,
पाँच तत्त्व की काल कोठरी,
काज़ल से पुतवाई,
कान्हा तुम पे भी तो लगा था,
ठगी का इल्जाम,
तारो तारण हारी।
चार बनाए वैरी तूने,
लड़ती फिरूँ अकेली,
कौन बचाए दर दर भटकूँ,
चादर हो गई मैली,
तूने भी तो द्वारका,
डुबाए रखो धाम,
तारो तारण हारी।
पल पल बदले खेल जगत में,
पल पल बदले पासा,
तोरे सहारे जीतना चाहूँ,
जो तोड़े ना आशा,
वचन निभाया तूने,
कहाया घनश्याम,
तारो तारण हारी,
किशन कन्हाई तोरा नाम,
तारो तारण हारी,
तारे जो हज़ारों तुमने,
क्या मेरा नहीं नाम,
तारो तारण हारी।