तू प्यार का सागर है
तू प्यार का सागर है,
तेरी इक बूँद के प्यासे हम,
लौटा जो दिया तुमने,
चले जायेंगे जहाँ से हम,
तू प्यार का सागर है,
तेरी इक बूँद के प्यासे हम,
तू प्यार का सागर है।
घायल मन का पागल पंछी,
उड़ने को बेक़रार,
पँख हैं कोमल आँख हैं धुँधली,
जाना है सागर पार,
अब तू ही इसे समझा,
राह भूले थे कहाँ से हम,
तू प्यार का सागर है।
इधर झूम के गाए ज़िंदगी,
उधर है मौत खड़ी,
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा,
उलझन आन पड़ी,
कानों में ज़रा कह दे,
कि आएँ कौन दिशा से हम,
तू प्यार का सागर है।
सौंप दे अपने जीवन की तू,
डोर प्रभु के हाथ,
फिर आएगी,
जब जब मुश्किल,
होगा वह तेरे साथ,
कर ले इतना तूँ यकीन,
तुझे होगा न कोई ग़म,
तू प्यार का सागर है।
मन मर्ज़ी की करता फिरता,
नहीं तुझे अहसास,
तेरे कर्म का लेख ज़ोखा,
सब है उसके पास,
काटेगा वह जो बोया,
याद कर बंदे अपने कर्म,
तू प्यार का सागर है।
आना जाना खेल विधि का,
सदा रहा न कोए,
होनी पे कोई ज़ोर चले न,
वही करे सो होए,
हो अखिरी तेरा सफर,
सब की आंखें हो यहाँ पे नम,
तू प्यार का सागर है।