अपना बना लै मेनू भजन

अपना बना लै मेनू भजन

अपना बना लै मेनू सोहन्या,
चरनी लगा ले मेनू सोहन्या।

मैनूं अपना बना ले,
कदी तां चरणी बिठा ले,
के नाले दिल दे ला ले,
के नंदपुर विच तू वसा ले।

मेरी जिंदगी निमाणी,
के तेरी मेरी कहानी,
के कई सदियां पुरानी,
तू मेरे दिल दा जानी।

सानू कोई न पुछदा,
के दिल मेरा रोवे ना हसदा,
के बुहा मल्ला किसदा,
के तू ही हर थां दिसदा।

चन्ना ना कर अड़िया,
के अखां तेरे नाल लड़ियां,
मैं लड़ तेरा फड़ेया,
तेरे दर उत्ते खड़ियां।

इक दिन तुर जावांगे,
के फिर ना मुड़ के आवांगे,
के गुण तेरे ही गावांगै,
के लग्गी तोड़ निभावांगै।

अपना बना लै मेनू सोहन्या,
चरनी लगा ले मेनू सोहन्या।


SSDN Bhajan ।। अपना बना लै मेनू।। Lyrics in Description ।। Shri Anandpur Bhajan
 
मन की पुकार श्रीकृष्णजी के प्रेम में डूबकर उनके चरणों में जगह माँगती है। हर साँस में बस उनकी छवि बसाने की चाह, जैसे सदियों पुरानी प्रीत की कहानी हो। दिल का दुख, दुनिया की बेरुखी, सब कुछ भूल जाता है जब मन उनके दर पर खड़ा होकर उनकी एक झलक की आस रखता है। जैसे भक्त नंदपुर में श्रीकृष्णजी को बसाने की तमन्ना रखता है, वैसे ही वह उनके प्रेम में डूबकर अपनी जिंदगी को सार्थक करना चाहता है। यह सुंदर भजन मन को यह विश्वास दिलाता है कि श्रीकृष्णजी की शरण में गया मन कभी खाली नहीं लौटता, उनकी नजरों का एक ठहराव ही जीवन को प्रेम और शांति से भर देता है। चाहे दुनिया कितना भी दूर करे, श्रीकृष्णजी हर जगह दिखते हैं, और उनकी भक्ति में डूबकर मन उनके गुण गाते हुए सदा उनके साथ रहने की कामना करता है।
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