दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचानी रे

दुनिया ने तेरी माया नहीं पहचानी रे

दुनिया ने तेरी माया,
नहीं पहचानी रे,
तूने माया अजब बनाई,
जिसे देख सब हर्षाये।

चंदा सूरज तारे तूने,
बिन बांधे ही लटकाये,
कभी धूप और कभी है सर्दी,
कभी डालता पानी रे,
दुनिया ने तेरी माया,
नहीं पहचानी रे।

कुंभकरण रावण से योद्धा,
क्षण में तूने मार दिये,
भक्त विभीषण जैसे,
तूने गद्दी पर बैठार दिये,
सिया चुराई रावण ने,
जब लंक चढ़ी थी हानि रे,
दुनिया ने तेरी माया,
नहीं पहचाने रे।

मान पात सोरन सौगात,
ना साथ चले गए ये तेरे,
ये भक्त कहें जो दुख सहे,
जो रहे पाप में चौबे रे,
समय पड़ा कुछ भक्ति कर ले,
थोड़ी सी जिंदगानी रे,
दुनिया ने तेरी माया,
नहीं पहचानी रे।


!! दुनिया ने तेरी माया नहीं जानी !! DUNIYA NE TERI MAAYA NAHI JANI !! (with lyrics) sumansharma
 
श्रीराम की माया का जादू इतना गहरा है कि सारा संसार उसमें डूबा है, फिर भी उसे समझ नहीं पाता। चाँद, सूरज, तारे बिना किसी डोर के आकाश में टंगे हैं, कभी धूप की गर्मी, कभी सर्दी, तो कभी बारिश का आलम—ये सब उनकी माया का कमाल है, जो मन को हर्ष से भर देता है। जैसे कुंभकरण और रावण जैसे योद्धाओं को क्षण में हर लिया, और भक्त विभीषण को लंका का राज दे दिया, वैसे ही उनकी कृपा भक्तों को हर संकट से उबार देती है। यह सुंदर भजन मन को जताता है कि सांसारिक मान-सम्मान और वैभव साथ नहीं जाते, लेकिन जो मन श्रीराम की भक्ति में रम जाता है, वह सारे दुख और पापों से पार हो जाता है। समय कम है, फिर भी थोड़ी सी भक्ति जीवन को सार्थक कर देती है, और उनकी माया में डूबा मन शांति और प्रेम का रास्ता पा लेता है। 
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