चलो दरबार चले
चलो दरबार चले
जय जय अम्बे माँ,जय जगदम्बे माँ,
जय जय अम्बे माँ,
चलो भाई चलो,
चलो भाई चलो,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले,
संतो के साथ चले,
चलो भाई चले।
जोड़ के हाथ चले,
चलो भाई चले,
मैया को मनाते चले,
चलो भाई चले,
बेटे हम गाते चले,
चलो भाई चले,
लाके जयकार चले,
आओ हम सारे चले,
चलो भाई चले चलो,
भाई चले चलो भाई चले।
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले,
ममता करुणा दया प्रेम की,
मूरत प्यारी प्यारी,
मूरत प्यारी प्यारी,
नैना देवी नैन बिचाये,
देखे बात हमारी,
देखे बात हमारी।
किंतु पूर्णिमा चिंता हरके,
खुशियों का वर देती,
कमी रहे ना अन धन से,
माँ भंडारे भर देती।
झोली पसार चले,
चलो दरबार चले,
झोली पसार चले,
चलो दरबार चले,
चलो भाई चले,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले।
प्रगट हुई पर्वत पे ज्वाला,
ज्वाला नाम कहाया,
ज्वाला नाम कहाया,
पाप की अग्नि बुझाके,
मैया शीतल करदे काया,
शीतल कर दे काया।
कांगडे वाली भोली भाली,
सबकी आस बुझाये,
इसके द्वारे जो भी आए,
मांगी मुरदे पाए,
करने दीदार चले,
चलो दरबार चले,
करने दीदार चले,
चलो दरबार चले,
चलो भाई चले,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले।
चंद मुंड दा नवथे मारे,
चामुंडा कहलायी,
चामुंडा कहलायी,
चामुंडा मैया की महिमा,
वेद पुराण ने गायी,
वेद पुराण ने गायी,
काल भी इनसे कांपे है,
वो काली खप्पर वाली,
पतझड़ फूल खिलाए,
कर दे बंजर को हरियाली,
भव से पार चले,
चलो दरबार चले,
भव से पार चले,
चलो दरबार चले,
चलो भाई चले,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले।
अष्टभुजी वो मात,
वैषण्व मैया शेरावाली,
मैया शेरावाली,
सब पे ही वो करम कमाए,
दाती मेहरावाली,
दाती मेहरावाली,
ब्रह्मा विष्णु भोले शंकर,
हर पल जिस को ध्याये,
दसो दिशाएं चलती हवाएं,
बैठे जिसकी गाहे,
तनमन वार चले,
चलो दरबार चले,
चलो भाई चले,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले।
संतो के साथ चले,
चलो भाई चले,
जोड़ के हाथ चले,
चलो भाई चले,
मैया को मनाते चले,
चलो भाई चले,
भेंटे हम गाते चले,
चलो भाई चले,
लाके जयकार चले,
आओ हम सारे चले,
चलो भाई चले,
चलो भाई चले,
चलो भाई चले।
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले,
चलो रे चलो चलो रे,
चलो चलो दरबार चले,
चलो दरबार चले,
मैया के द्वार चले।