दरबार में बंसीवाले के दुख दर्द मिटाए लिरिक्स Darbar Me Bansiwale Lyrics
दरबार में बंसीवाले के दुख दर्द मिटाए लिरिक्स Darbar Me Bansiwale Lyrics
बदल जाएंगे अश्क वो हर में तेरे,कन्हैया के दर पे तू आकर तो देख,
कहने की जुबा से जरूरी नहीं है,
जरा अपनी झोली फैला कर तो देख,
निकलेगी कश्ती भवर से तुम्हारी,
कन्हैया को मांझी बना कर तो देख,
कन्हैया को मांझी बना कर तो देख।
बड़ा ही दयालु वो बांके बिहारी,
जरा उसे तू आजमा कर तो देख,
जरा उसे तू आजमा कर तो देख।
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं,
दुनिया के सताये लोग यहां
सीने से लगाए जाते हैं।
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं,
दुनिया के सताये लोग यहां,
सीने से लगाए जाते हैं,
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं।
ये महफ़िल है दीवानो की,
हर शख्स यहां पर मतवाला,
हर शख्स यहां पर मतवाला,
भर भर के प्याले अमृत के,
भर भर के प्याले कीर्तन के,
यह सब को पिलाए जाते हैं,
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं।
मत घबराओ ऐ जग वालो,
इस दर पे शीश झुकाने से,
इस दर पे शीश झुकाने से,
ओ नादानो,
ओ नादानो इस दर पे तो,
सर भेट चढाये जाते हैं,
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं।
जिन भक्तो पर ऐ जग वालो,
हो जाए कृपा इस ठाकुर की,
हो जाए कृपा इस ठाकुर की,
उनको संदेशा आता है,
उनको संदेशा आता है,
दरबार बुलाये जाते हैं,
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं।
सर रख के थली पर आजाओ,
हसरत है जिसे कुछ पाने की,
पाने की पाने की,
छल छोड के भजता है,
छलिया भी चाहा करता है,
दिखलाता छवि की किरने उसे,
जिसका दिल दर्द सहन करता है,
हर स्नेही सखा मेरा,
एक मीठी सी बात कहा करता है,
जिन नैनो से नीर बहा करता है,
उन में मेरा श्याम रहा करता है।
सर रख के थली पर आजाओ,
हसरत है जिसे कुछ पाने की,
हसरत है जिसे कुछ पाने की,
इस मोहन को पाने के लिए,
इस मोहन को पाने के लिए,
कुछ कष्ट उठाते जाते हैं,
दरबार में बंसीवाले के
दुख दर्द मिटाए जाते हैं।
दरबार में बंसीवाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं,
दुनिया के सताये लोग यहां,
सीने से लगाए जाते हैं।
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