स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश

स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश

स्वयं अब जागकर हमको,
जगाना देश है अपना,
जगाना देश है अपना,
जगाना देश है अपना
हमारे देश की मिट्टी,
हमें प्राणों से प्यारी है,
यहां के अन्न जल वायु,
परम श्रद्धा हमारी है,
स्वभाषा है हमें प्यारी,
ओ प्यारा देश है अपना।

नहीं है अब समय कोई,
गहन निद्रा में सोने का,
समय है एक होने का,
ना मतभेदों में खोने का,
बढे बल राष्ट्र का जिससे,
वो करना मेल है अपना।

जतन हो संगठित हिंदु,
ओ सक्रीय भाव भरने का,
जगाने राष्ट्र की भक्ति,
उत्तम कार्य करने का,
समुन्नत राष्ट्र हो भारत,
यही उद्देश्य है अपना।
 


स्वयं अब जागकर हमको, जगाना देश है अपना || देशभक्ति गीत ||

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