(मुखड़ा) दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार, हर पल भक्तों के ऊपर, माँ बरसे तेरा प्यार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
(अंतरा) बूढ़े, बालक और नर-नारी, माँ के दर पे आते हैं, खाली झोली लेकर आते, भर-भर झोली जाते हैं,
जो माँगो सो मिल जाए, माँ देने को तैयार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
सारे जग की ये सेठाणी, सब बच्चों की माता है, देती है चुपचाप सभी को, पता नहीं चल पाता है, वो दोनों हाथ लुटाए, पर भरा रहे भंडार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
Dadi Sati Bhajan Lyrics in Hindi
जिसके मन में श्रद्धा-भक्ति, मैया लाड़ लड़ाती है, उसके खातिर बिना बुलाए, दौड़ी-दौड़ी आती है, ऐसे प्रेमी का घर तो, है मैया का परिवार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
सच्चे मन से सुमिरन कर ले, तेरी सुनवाई कर लेगी, मन की पीड़ा माँ से कह दे,
सारे संकट हर लेगी, क्यों घबराता है ‘बिन्नू’, तू आ जा माँ के द्वार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
(अंतिम पुनरावृत्ति) दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार, हर पल भक्तों के ऊपर, माँ बरसे तेरा प्यार, दादी के दरबार की, महिमा अपरंपार।।
Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aparampar | Dadi Ji Ke Bhajan | Rani Sati Dadi Bhajan By Madhuri Madhukar
Rani Sati Dadi Bhajan: Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aparampar Singer: Madhuri Madhukar Lyricist: Binod Kumar Garodia 'Binnu Ji' Music Director: Shashikant Chaubey Music Label: Sur Saurabh Industries.