यह शिव भजन एक प्रेम और भक्ति गीत है जो शिवजी के प्रति एक भक्त की आराधना का वर्णन करता है। भगवान शिव के विभिन्न नामों को उच्चारण करके, भक्त उनके गुणों की प्रशंसा करता है और उनसे आशीर्वाद मांगता है। भजन में भक्त अपने जीवन को शिव की शरण में समर्पित करता है और शिवजी से अपने दुःखों की राहत, आशीर्वाद और अनुग्रह की प्रार्थना करता है। इस भजन में शिवजी के विभिन्न नामों और गुणों की महिमा का गान किया जाता है और भक्त अपनी भक्ति और प्रेम के माध्यम से शिवजी की स्तुति करता है। भजन की ध्वनि और भावना भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करती है और भक्त को शिवजी के दर्शन के लिए प्रेरित करती है।
हे रुद्रदेव देवों के देव भजन
हे रुद्रदेव, देवों के देव, महादेव, तू शरण बुला ले रे। है तुझसे ही उम्मीद मेरी, मेरा जीवन पर लगा दे रे॥
परमपिता, परमेश्वर, है विधाता, ईश्वर। रखियो लाज मोरी, नीलकंठ, नागेश्वर, ओ मोरा सोया भाग जगा दे रे॥
हे गंगधार, हे मुक्ति द्वार, हे ओंकार, अविनाशी रे। हो तेरी कृपा मुझ पर स्वामी, मेरा बिगड़ा काम बना दे रे॥
Gajendra Pratap Singh Bhajan Lyrics,Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
भूतपिता, ज्ञानेश्वर, है दातार, महेश्वर। तीन लोक, त्रिपुरारी, अजन्मे तुम, विश्वेश्वर, ओ मेरी सूनी दुनिया बसा दे रे॥
मेरे महाकाल, करूँ तेरा ध्यान, भोले, तू दरस दिखा दे रे। बरसेगी कृपा मझ पर स्वामी, जब डमरू डम डम बाजे रे।
हे रुद्रदेव, देवों के देव, महादेव, तू शरण बुला ले रे। है तुझसे ही उम्मीद मेरी, मेरा जीवन पर लगा दे रे॥
हे रुद्रदेव, देवों के देव, महादेव, तू शरण बुला ले रे। है तुझसे ही उम्मीद मेरी, मेरा जीवन पर लगा दे रे। हे रुद्रदेव, देवों के देव, महादेव, तू शरण बुला ले रे। है तुझसे ही उम्मीद मेरी, मेरा जीवन पर लगा दे रे॥
महाशिवरात्रि स्पेशल २०२३ ~ हे रुद्रदेव | He Rudradev | Gajendra Pratap Singh | Latest Shiv Bhajan