हिंदी शिव तांडव लिरिक्स Hindi Shiv Tandav Stotra Lyrics Ashutosh Rana


Latest Bhajan Lyrics

हिंदी शिव तांडव लिरिक्स Hindi Shiv Tandav Stotra Lyrics Ashutosh Rana

जटाओ से है जिनके जल प्रवाह मात गंग का,
गले में जिन के सज रहा है हार विष भुजंग का
डमड्ड मड्ड मड्ड डमरु कह रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

सजल लहर भी हो गयी चपल चपल ललाट पर
धधक रहा है स्वर्ण सा अनल सकल ललाट पर
ललाट से ही अर्ध चंद्र कह उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

जो नंन्दनी के वंदनीय,नंन्दनी स्वरूप है,
वे तीन लोक के पिता,स्वरूप एक रूप है
क्रपालू ऐसे है के चित्त जप रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

समस्त प्राणियों में उनकी ही कृपाएं बह रही
भुजंग देवता के शीर्ष मणि प्रभाएँ कह रही
दशा दशा शिवः शिवम् दिशा दिशा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

वे देव देवताओं के अनादि से गढ़े हुए
समक्ष उनके धूल पुष्प शीर्ष पर चढ़े हुए
विभिन्न कामनाओ के है सम्पदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

जो इंद्रा देवता के भी घमंड का दमन करें
जो कामदेव की समस्त कामना दहन करें
वही समस्त सिद्धियां वही महा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

विशाल भाल पट्टिका पे अग्नि वे जलाए हैं
वे भष्म काम देवता के शीर्ष पर लगाए हैं
है नंदनी के रुप की तरल छटा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

नविन श्याम मेघ कंठ पर सवार घर चले
वही तो बाल चंद्र नाग गंग शीश धर चले
सकल जगत का भार भी चले उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

है नील कंठ सौम्य नील पंकजा समान है,
मनुष्य क्या वे देवता के दंड का विधान है
समक्ष उनके काल स्वयं भज रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

सदैव सर्व मंगला,कला के शीर्ष देवता
वही विनाश काल है,वही जनक जनन सदा
नमन कृतज्ञ,प्राण यह जपे सदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

प्रचंड ताण्डवः प्रभः स्वयं विलीन देख कर
की नित्य देवता को नृत्य में प्रलीन देख कर
मृदंग मुग्ध भावना से कह उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

समक्ष उनके देव जन का एक ही विधान है
समग्रता में उनकी दृष्टि उनकी एक ही समान है
नमन नमन समानता के देवता शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

है मात्र एक कामना है मात्र एक वंदना
उन्ही के दर्शनों से पूर्ण हो सभी उपासना
न जाने कब करेंगे हम पे यह कृपा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्  

चरण को जिनके अप्सराओं के पराग चूमते
शरण में जिनके इंद्रालोक और देव झूमते
अनादि से उमंग की परमरा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

प्रचंड अग्नि से समस्त पाप कर्म भष्म कर
महान अष्ट सिद्धि से सभी अधर्म भष्म कर
विजय के मूल मन्त्र की है साधना शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

वही अघोर नाथ है उन्ही से पूर्ण शुद्धता
निहित उनके जाप में मनुष्यता विशुद्धता
समस्त मोह नाश के हैं देवता शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

पूजा वसान ध्यान से करे जो पाठ स्तोत्र का
मुकुट बने वही मनुज परम विशिष्ट गोत्र का
उसी को देते है समस्त सम्पदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्

वे शेष है,अशेष है,प्रशेष है,विशेष है
जो उनको जैसा धार ले वो उसके जैसा वेष है
वे नेत्र सूर्य देवता का चंद्रमा का भाल है,
विलय भी वे प्रलय भी वे,अकाल,महाकाल है
उसी के नाथ हो गये,जो उनके साथ हो लिया,
वही के हो गये है वे जहाँ सुना शिवः शिवम्
डमड्ड मड्ड मड्ड डमरु कह रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
हर हर महादेव



Hindi Shiv Tandav Stotra l Ashutosh Rana l Aalok Shrivastav l PanchtantraOne

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url