आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरी
आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरी
आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरीदर्शन की प्यासी है कब से निगाह मेरी
आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरी
दीदार मैंने जबसे बाबा तुम्हारा पाया
सुंदर सलोना मुखड़ा मेरे हृदय में समाया
जाने कब होगी प्रभु रहमत की नजर तेरी
आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरी
हमने सुना है बाबा हारे का है सहारा
अवगुण भुला के मेरे दुख दूर कर हमारा
अब डाल चरण अपने बाबा चौखट पर मेरी
आजा मेरे सांवरिया देखू मैं राह तेरी
दुखों ने मुझको घेरा गम की घड़ी है आई
(गम की घटाएं छाई)
लीले पर चढ़कर आजा पैसा लगे ना पाई
गोपाल की विनती सुनो स्वागत में खड़ा तेरी
आज मेरे सांवरिया देखूं मैं राह तेरी गोपाल प्रजापति मेरठ
भजन लेखक व गायक गोपाल प्रजापति मेरठ
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Author - Saroj Jangir
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