जबसे घर में मैंने तस्वीर लगाई है लिरिक्स Jabase Ghar Me Maine Lyrics
जबसे घर में मैंने तस्वीर लगाई है,मेरे बाबा ने मेरी तक़दीर बनाई है,
जबसे घर में मैंने तस्वीर लगाई है,
मेरे बाबा ने मेरी तक़दीर बनाई है।
तकलीफ़ों की रातें,
पल में ढ़ल जाती हैं,
हर बुरी नज़र चौखट से,
ख़ुद टल जाती है,
सोई क़िस्मत मेरी,
बाबा ने जगाई है।
माँ बाप गुरू बन कर,
रस्ता वो दिखाता है,
रिश्तों का फ़र्ज़ केवल,
मेरा श्याम निभाता है,
है श्याम सखा मेरा,
मेरा श्याम ही भाई है।
वो ढ़ाल बना मेरी,
जब आई आफ़त है,
बिन बोले जान रहा,
वो मेरी ज़रूरत है,
चुप रहता हूँ फिर भी,
होती सुनवाई है।
ना जाने कशिश बाबा की,
छवि में कैसी है,
जबसे घर में मैंने तस्वीर लगाई है,
मेरे बाबा ने मेरी तक़दीर बनाई है।
तकलीफ़ों की रातें,
पल में ढ़ल जाती हैं,
हर बुरी नज़र चौखट से,
ख़ुद टल जाती है,
सोई क़िस्मत मेरी,
बाबा ने जगाई है।
माँ बाप गुरू बन कर,
रस्ता वो दिखाता है,
रिश्तों का फ़र्ज़ सदा,
मेरा श्याम निभाता है,
है श्याम सखा मेरा,
मेरा श्याम ही भाई है।
वो ढ़ाल बना मेरी,
जब आई आफ़त है,
बिन बोले जान रहा,
वो मेरी ज़रूरत है,
चुप रहता हूँ फिर भी,
होती सुनवाई है।
ना जाने कशिश बाबा की,
छवि में कैसी है,
मन मोहित हो जाता,
कुछ बात ही ऐसी है,
बाबा के सिवा कुछ भी,
देता ना दिखाई है।
मन मोहित हो जाता,
कुछ बात ही ऐसी है,
बाबा के सिवा कुछ भी,
देता ना दिखाई है।
जबसे घर में मैंने तस्वीर लगाई है,
मेरे बाबा ने मेरी तक़दीर बनाई है।