जहाँ प्रभु नाम के सुमिरन का, रहता नित नया सवेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
यहाँ प्रेम के रंग में रंगी हुई है, हर पत्ती हर डाली, यह देश है जिसमे संतो की, रहती है नित दीवाली, यहाँ एक जोत व्यापक है, जिसमे नहीं है तेरा मेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
यह वो ज्योति योगी, जन जिसका, ध्यान सदा धरते है, जिस जोत से, सूरज चाँद सितारे, जग चानन करते है, वही अजर अमर, पावन प्रभु ज्योति, करती दूर अँधेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
New Bhajan 2023
बिन कानों के यहाँ शब्द सुने, आँखो बिन गुदें माला, बिन बादल के बूँदे बरसें, बिन सूरज रहे उजाला, वो दायम कायम, सुख जिसमे, संतो ने डाला डेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
यहाँ तीन नदी का संगम है, जो पाप ताप हरता है, यहाँ गगन गुफा है,
भीतर जिसके, अमृत रस है झरता, बिन गुरु किरपा के, लग नहीं सकता, जिस धरती पर फेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
यहाँ काल माया के, अंधकार का, दखल नहीं है कोई, जो सतगुरु देव का प्यारा, इस देश में पहुँचे सोई, विरला गुरुमुख ही दासां, पाता है यहाँ बसेरा, वो आनंदपुर है मेरा, वो आनंदपुर है मेरा।
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