झूठा है संसार रैन का सपना है


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झूठा है संसार रैन का सपना है

झूठा है संसार रैन का सपना है,
झूठा है संसार रैन का सपना है,
किसे करे तू प्यार कोई ना अपना है।

जीवन के सफर में राही,
जरा रखना कदम सम्भल के,
तू बैठ ना जाना पगले,
मंजिल के पास निकल के,
पार तुझे टपना है।

ये हुश्न ये मस्त जवानी,
जीवन की लहर तरंगें,
ये बाग बगीचे पगले,
खिल रहे है रंग बिरंगे,
एक दिन बचना है।

माया के मतवाले,
पल पल में उम्र ढली जा,
इस काल बली के चक्कर मे,
चक्की में मूंग दली जा,
खाक में खपना है।

आया था ब्याज कमाने,
ना बाकी मूल रहा है,
ओ बन्दे रे मन मूर्ख,
तू तो बिल्कुल भूल रहा है,
हरि को भी रटना है।

झूठा है संसार रैन का सपना है,
झूठा है संसार रैन का सपना है,
किसे करे तू प्यार कोई ना अपना है।
 



झूठा है संसार रैन का सपना है | Jhootha Hai Sansar Rain Ka Sapna Hai | Nirgun Bhajan |Satsangi Bhajan
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