तुम्हें हम चाहतीं इतना मगर तुम छोड़ जाते हो

तुम्हें हम चाहतीं इतना मगर तुम छोड़ जाते हो

 
तुम्हें हम चाहतीं इतना मगर तुम छोड़ जाते हो

तुम्हें हम चाहतीं इतना, मगर तुम छोड़ जाते हो~
बढ़ाए प्रेम जिस दिल में, उसी को तोड़ जाते हो।।

बताएँ किस तरह तुमको, तुम्हें हम चाहतीं कितना~
तरस जाते मेरे नैना, मगर मुख मोड़ जाते हो~
तुम्हें हम चाहतीं इतना, मगर तुम छोड़ जाते हो~
बढ़ाए प्रेम जिस दिल में, उसी को तोड़ जाते हो।।

सुनेगा कौन दुख मेरा? तुम्हीं बस एक अपने हो~
मगर तुम भी हमें तजकर, कहाँ किस ओर जाते हो~
तुम्हें हम चाहतीं इतना, मगर तुम छोड़ जाते हो~
बढ़ाए प्रेम जिस दिल में, उसी को तोड़ जाते हो।।

बता दे आज सच मोहन, मेरा क्या प्रेम झूठा था~
कान्त यदि सच नहीं यह तो, हमें क्यों छोड़ जाते हो~
तुम्हें हम चाहतीं इतना, मगर तुम छोड़ जाते हो~
बढ़ाए प्रेम जिस दिल में, उसी को तोड़ जाते हो।।



Gopi Virah Geet: I love you so much but you leave me!! #shrikantdasjimaharaj #bhajan

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Bhajan Composition: Pt. Pt. Shri Shrikant Das Ji Maharaj
Voice: Subhash Singh Rajput Ji
¤ Bhajan ¤
I love you so much, but you leave me.
You break the very heart in which you nurture love.
How can I tell you how much I love you?
My eyes yearn, but you turn your face away.
You...
Who will listen to my sorrow? You are my only one.
But after abandoning me, where are you going? Which way are you going?
You...
Tell me the truth today, Mohan, was my love false?
Kant, if this is not true, then why do you leave me? you....
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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