लड़े नैन शाम दे नाल मैं कमली

लड़े नैन शाम दे नाल मैं कमली

लड़े नैन शाम दे नाल मैं,
कमली हो गयी आ,
हो गयी आ भई हो गयी आ।

जद दी वेखी सोहनी मूरत,
दिल रया ना काबू,
चंचल मतवाली अखिया ने,
दिल ते कर लया काबू,
मैं कमली हो गयी आ,
लड़े नैन शाम दे नाल मैं,
कमली हो गयी आ,
हो गयी आ भई हो गयी आ।

सुन्दर श्याम सलोना मेरा,
दिल विच वस गया आके,
मुड के फिर ना आया मोहन,
थोडी झलक दिखाके,
कमली हो गयी आ,
लड़े नैन शाम दे नाल मैं,
कमली हो गयी आ,
हो गयी आ भई हो गयी आ।

राती जागा नीन्द ना आवे,
श्याम ही श्याम मैं पुकारा,
उसदे नाम दी कमली होके,
उसनु वाजा मैं मारा,
कमली हो गयी आ,
लड़े नैन शाम दे नाल मैं,
कमली हो गयी आ,
हो गयी आ भई हो गयी आ।

तेरी इस दासी नु श्यामा,
चढ़ गयी तेरी मस्ती,
तेरे रंग विच रंग के श्यामा,
भुल गयी अपनी हस्ती,
कमली हो गयी आ,
लड़े नैन शाम दे नाल मैं,
कमली हो गयी आ,
हो गयी आ भई हो गयी आ।
 


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