मन के बहकावे में ना आ लिरिक्स Man Ke Bahkave Me Na Aa Lyrics
मन के बहकावे में ना आ,मन के बहकावे में ना आ,
इस मन को शिव का दास बना ले,
शिव का दास बने जो प्राणी,
वह हर प्राणी को हृदय से लगाये,
शिव का दास बने जो प्राणी,
वह हर प्राणी को हृदय से लगाये।
मन है शरीर के रथ का सारथी,
मन है शरीर के रथ का सारथी,
मन को चाहे जिधर ले जाये,
जिसके मन में बसता शिवाय,
वह मन के रथ से अनंत को जाये,
जिसके मन में बसता शिवाय,
वह मन के रथ से अनंत को जाये।
आत्मा और शरीर के मध्य में,
आत्मा और शरीर के मध्य में,
यह मन अपने खेल दिखाये,
जो इस मन में शिव को बसाये,
वो मन को करे वश में,
योगी हो जाये,
जो इस मन में शिव को बसाये,
वो मन को करे वश में,
योगी हो जाये।
मन के बहकावे में ना आ,
मन के बहकावे में ना आ,
इस मन को शिव का दास बना ले,
शिव का दास बने जो प्राणी,
वह हर प्राणी को हृदय से लगाये,
शिव का दास बने जो प्राणी,
वह हर प्राणी को हृदय से लगाये।