साखी —मैं मर्जिवा समुद्र का, और डुबकी मारी एक। अरे मुट्ठी लाया ज्ञान कि, तो वा में वस्तु अनेक।
1. डुबकी मारी समुद्र मे औ,र जा निकसाया आकाश।
गगन मंडल में घर किया, जहा हीरा पाया दास। भजन —मोती समंदरा मोती रे चल उड़ हंसवा देश। 1.चल हंसवा देस निराला ,बीना सत भाण होत उजियारा उना देस में, जले जगा मग जोती रे चल उड़ हंसवा देश...।
2 . काला पीला रंग बिरंगा, माला में मणिया बहु रंगा।