पित्रों की महिमा भारी आरती


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पित्रों की महिमा भारी आरती

पित्रों की महिमा भारी,
कुल के जो है हितकारी,
हम सब उतारे थारी आरती,
ओ दादा मिलकर उतारे थारी।

आप ही घर के रक्षक हो,
और आप ही दाता विधाता,
पुत्र और पौत्रों से आपका,
जन्म जन्म का नाता,
ज्योत जगाके तुम्हारी,
सेवा पुगाके सारी।

श्वेत वस्त्र और श्वेत ध्वजा,
तुमको दादा भाए,
श्रद्धा सुमन पूजन वंदन,
हम तर्पण करने आए,
कुल की करना रखवारी,
चरणों में अर्ज़ गुज़ारी।

जब जब दुख संकट आवे तो,
तुम ही बने सहाई,
दुख विपदा में नाम आपका,
सदा रहे सुखदाई,
दर्शन थारे मंगलकारी,
जाउँ तुमपे बलिहारी।

अपने कुल पर नज़र मेहर की,
सदा बनाए रखना,
प्रिंस जैन की विनती दादा,
कृपा बनाए रखना।



पित्रों की महा चमत्कारी आरती | Pitro ki aarti | पितरों की आरती | पितरों को खुश करने के लिए #aarti
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