प्रभु मेरा चरवाहा, प्रभु मेरा रखवाला, कोई घटी मुझे नहीं है।
सुखदायी झरने के पास, ले जाता है बुझाने मेरी प्यास, धर्म के मार्ग में वो, ले जाता हे मुझे अपने साथ, प्रभु मेरा चरवाहा, प्रभु मेरा रखवाला, कोई घटी मुझे नहीं है।
शत्रुओं के सामने, आदर करता है मेरा, अभिषेक के तेल से, अभिषेक करता है मेरा, प्रभु मेरा चरवाहा, प्रभु मेरा रखवाला, कोई घटी मुझे नहीं है।
घोर अंधकार से भरी, घाटी से यदि मैं चलूँ, कोई हानि से न डरूँगा, प्रभु मेरी करता है रक्षा, प्रभु मेरा चरवाहा, प्रभु मेरा रखवाला, कोई घटी मुझे नहीं है।
करूंणा भलाई जीवन भर, निश्चय मेरे साथ रहेगा, अपने प्रभु के मंदिर में, सर्वदा मैं वास करूंगा।