सत्संग वाली नगरी चल रे मना
सत्संग वाली नगरी चल रे मना
सत्संग वाली नगरी चल रे मना,पी ले राम जी के चरणों का,
तू जल रे मना,
चल रे मना चल रे मना,
पी ले राम जी के चरणों का,
तू जल रे मना,
सत्संग वाली नगरी चल रे मना।
इस नगरी में प्रेम की गँगा,
जो भी नहाए हो जाए चंगा,
मल मल के तू,
निर्मल कर रे मना,
सत्संग वाली नगरी चल रे मना।
सत्संग के है अज़ब नज़ारे,
बहुत सुहाने बहुत ही प्यारे,
पी ले सुख और शांति का,
फल रे मना,
सत्संग वाली नगरी चल रे मना।
सत्संग का है संग निराला,
मनमंदिर में जो करे उजाला,
अपने जीवन को सफल,
तू कर रे मना,
सत्संग वाली नगरी चल रे मना।
SSDN :- Satsang Wali Nagri Chal Re Mana - Best krishna Bhajan | Panjabi Devotional Song | ANANDPUR