राम तेरी दुनिया में इंसान कर्म क्यों ऐसा करता है लिरिक्स Ram Teri Duniya Me Lyrics
यह भजन "राम तेरी दुनिया में इंसान" मनुष्य के कर्मों और उनके द्वारा दिखाए जाने वाले व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करता है। इस भजन में व्यक्त होता है कि मनुष्य कर्म क्यों ऐसा करता है जो उसके और दूसरों के हित को नुकसान पहुंचाता है। यह उजागर करता है कि लोग अपने स्वार्थ में उच्च दर्जे को प्राथमिकता देते हैं और परहित को अनदेखा करते हैं। भगवान की पूजा-पाठ और दिखावा करने के बावजूद, यह भजन सार्वभौमिक भावना को व्यक्त करता है कि सच्ची पूजा मानवता के प्रति प्रेम और परोपकार में स्थापित होती है। इसके अलावा, भजन अभिभूत करता है कि मनुष्य मोह-जाल में फंसकर संबंधों को भूल जाता है और कर्तव्यों को नजरअंदाज करता है। भजन के माध्यम से, लोगों को यह याद दिलाया जाता है कि उन्हें सत्य और ईश्वर की साधना में विश्वास रखना चाहिए और वे अपने कर्मों के माध्यम से सच्ची प्रगति कर सकते हैं।
राम तेरी दुनिया में इंसान कर्म क्यों ऐसा करता है लिरिक्स Ram Teri Duniya Me Lyrics
राम तेरी दुनिया में इंसान,कर्म क्यों ऐसा करता है,
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।
अपना पेट भरा हो तो भी,
हक़ दूजे का मारता है,
केवल अपने हित में सोचे,
परहित से नहीं वास्ता है,
नाम धर्म का लेता है पर,
काम अधर्म का करता है,
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।
पूजा पाठ का करके दिखावा,
खुद को ऊँचा जाने है,
प्राणी मात्र से प्रेम है असली,
पूजा ये नहीं माने है,
खुद से ही पहचान नहीं,
ईश्वर की साधना करता है
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।
मोह जाल में फंसा है ऐसे,
संबंधों को भूल गया,
करुणा स्नेह परोपकार के,
कर्तव्यों को भूल गया,
राम तुम्ही अब तारो इसको,
ये मझधार उतरता है,
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।
धर्म ग्रन्थ प्रवचन कथाएं,
सच्ची राह दिखाती हैं,
मानव ने क्यों जन्म लिया,
ये बात हमें समझाती हैं,
ऋषि मुनि अवतारों की बातों को,
अनसुना करता है
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।
राम तेरी दुनिया में इंसान,
कर्म क्यों ऐसा करता है,
भला नहीं करता है किसी का,
काम बिगाड़ा करता है।