शिव भजन "महलों की रानी राजकुमारी" में भगवान शिव की प्रशंसा की जाती है और भक्त की ईश्वर में समर्पण और भक्ति का वर्णन किया गया है। गीत के शब्द व्यक्त करते हैं कि भगवान शिव की प्रतीक्षा में अभिभूत हैं, जो भोला और मस्त मलंग के रूप में चित्रित हैं। भक्त अपने आपको एक रानी के समान दर्शाते हैं, जो संसारिक इच्छाओं में आसक्त हो गई है और भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर मुक्ति की तलाश करती है। इस भजन में भगवान शिव की शक्ति और प्रभाव को बल दिया गया है और भक्त का इश्वर के साथ एकीकरण करने की इच्छा प्रकट की गई है। सार्वभौमिक रूप से, यह शिव के प्रति गहन सम्मान और प्यार की गहरी भावना को प्रतिष्ठित करता है।.
भोला मस्त मलंग हंसराज रघुवंशी भजन लिरिक्स Bhola Mast Malang Lyrics
महलों की रानी राजकुमारी,क्यूँ बंध गई तेरे संग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
तेरा भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
युगों युगों से तेरी मेरी कहानी,
तू मेरा दीवाना मैं तेरी दीवानी,
क्यों ना रंगू मैं तेरे रंग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलंग
गौरा ने बीज लई हरी हरी मेहन्दी,
मेरे भोले ने बीज लई भंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
तू पीवे भोले भाँग धतूरा
संग तूने बिठाया झुंड भूतों का पूरा
वो हो गयी रे यूं तंग
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलङ्ग
गौरा दी उग गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले दी उग गयी भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
सबको तू देवे महल बनारे
मुझकों बिठाया कैलाशों के किनारें,
जाने ना दिल की तू उमंग
भोला मस्त मलंग
गौरा ने तोड़ लई हरी हरी मेहंदी,
मेरे भोले ने तोड़ लई भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
मैं ओडु भोले सालो दो साले
तू ओड़े भोले मृग की छालें,
मुझको ना भावे तेरा ढंग,
तू भोला, मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग