सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उडदी जावांगी
सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उडदी जावांगी
सतगुरु मैं तेरी पतंग,हवा विच उडदी जावांगी,
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
हवा विच उडदी जावांगी,
हवा विच उडदी जावांगी,
साईंयां डोर हाथों छोड़ी ना,
मैं कट्टी जावाँगी।
बड़ी मुश्किल दे नाल मिलेया,
मेनू तेरा दवारा है।
मेनू इको तेरा आसरा,
नाले तेरा ही सहारा है,
हुन तेरे ही भरोसे,
हवा विच उडदी जावांगी,
साईया डोर हाथों छोड़ी ना,
मैं कट्टी जावाँगी।
ऐना चरणां कमला नालों,
मेन्नु दूर हटावी ना,
इस झूठे जग दे अन्दर,
मेरा पेंचा लाई ना,
जे कट गयी ता सतगुरु,
फेर मैं लुट्टी जावांगी,
साईया डोर हाथों छोड़ी ना,
मैं कट्टी जावाँगी।
अज्ज मिलिया बूहा आके,
मैं तेरे द्वार दा,
हाथ रख दे एक वारि तूं,
मेरे सर ते प्यार दा,
फिर जनम मरण दे गेडे,
तो मैं बचदी जावांगी,
साईया डोर हाथों छोड़ी ना,
मैं कट्टी जावाँगी।
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
सतगुरु मैं तेरी पतंग,
हवा विच उडदी जावांगी,
हवा विच उडदी जावांगी,
साईंयां डोर हाथों छोड़ी ना,
मैं कट्टी जावाँगी।
सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उडदी जावांगी | Satguru Mai TerI Patang | Waheguru Simran | Guru Bhajan
जीवन में जो परिवर्तन इस सुंदर गुरु स्तुति के श्रवण के बाद आया आत्मा का परमात्मा रूपी गुरु जी से साक्षात्कार हुआ और मैं माया मोह से मुक्त होकर अनंत ब्रह्मांड में संपूर्ण आनंद पूर्वक सिर्फ इसलिए विचर पा रहा हूं क्योंकि मैं ये जान गया हूं कि मेरे जीवन की पतंग की डोर मेरे सतगुरु जी के कर कमलों में है तो मुझे क्या चिंता