सेवा सुमिरण करके असा उम्र बितानी लिरिक्स Seva Sumiran Karake Lyrics
सेवा सुमिरण करके असा उम्र बितानी लिरिक्स Seva Sumiran Karake Lyrics
सेवा सुमिरण करके,असा उम्र बितानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
सेवा सुमिरण करके,
असा उम्र बितानी ए।
असी कख सी गलियां दे,
तुसा गल नाल लाया ए,
जिस नाम तो बिछड़े सी,
ओ नाम मिलाया ए,
मैंया दा जो दर मिलेया,
ओ पाग निशानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
सेवा सुमिरण करके,
असा उम्र बितानी ए।
साडे हुकुम नु मन लैना,
ए सच्ची भक्ति ए,
तुहाडी मौज दे विच रहना,
ए सच्ची मस्ती ए,
बिना कृपा दा होये ना,
र रस्म पुरानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
सेवा सुमिरण करके,
असा उम्र बितानी ए।
सच बोल के सच कहना,
असी कदे ना डोलांगे,
सच पीछे मर जाना,
जयकारे बोलांगे,
उस ज्योत विचो ज्योत,
निकले ओ ज्योत नूरानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
सेवा सुमिरण करके,
असा उम्र बितानी ए।
सेवा सुमिरण करके,
असा उम्र बितानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए,
तुहाडी बनी रहे कृपा,
असा तोड़ निभानी ए।
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