तेरे पाप धुल सकेंगे, आज ही मसीही के द्वारा, सिर्फ इक नज़र उठाकर, देख ले लहू की धारा।
तेरी कोशिशों के बदले, क्या बता तुझे मिला है, जिन्दगी खुशी से भर दे, कोई ऐसा सिल सिला है, तुझे कुछ न दे सकेगा, तेरे भाग्य का सितारा, सिर्फ इक नज़र उठाकर, देख ले लहू की धारा।
कोइ है आवाज जिसकी, तेरा पीछा कर रही है, तेरा हितेष जिससे तेरी, आत्मा डर रही है, तेरा नाम लेके उसने, तुझे आज फिर पुकारा, सिर्फ इक नज़र उठाकर, देख ले लहू की धारा।
प्रभु की सलीब है जो, तेरी प्यास बुझा सकेगी, तेरे दिल की हर मुसीबत, वही तुझसे छीन लेगी, वो खुशी के साथ देगी, नये जीवन का किनारा, सिर्फ इक नज़र उठाकर, देख ले लहू की धारा।