वसुन्धरा परिवार हमारा हिन्दु का लिरिक्स Vasundhara Parivar Hamara Lyrics


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वसुन्धरा परिवार हमारा हिन्दु का लिरिक्स Vasundhara Parivar Hamara Lyrics

वसुन्धरा परिवार हमारा,
हिन्दु का यह विशाल चिन्तन,
इस वैश्विक जीवन दर्शन से,
मानव जाती होगी पावन।

अखिल विश्व के पथदर्शन की,
मुनिजन सन्तोकी अभिलाषा,
बन्धुभाव से सब जग जोड़े,
वेद और गीता की भाषा,
समरसता मन्त्र के नाद से हम,
भर देंगे सारा त्रिभुवन।

जड़ इहवादी तत्वज्ञान को,
पराभूत होते देख रहे,
भक्तिसहित कर्तुत्व चढाकर,
पूजा चैतन्य की कर रहे,
सदा विजय कर्तव्य धर्म का,
स्वतन्त्रता का मुख में गायन।

व्यक्ती व्यक्ती सब विलीन होकर,
समाज जीवन नित कुसुमित हो,
सर्वस्वार्पण के कल्पतरु नव फल,
फूलों से शोभित हो,
काल बाह्य सब छोड बनाये,
भविष्य अपना दिव्य चिरन्तन।

आकांक्षा प्राचीन हमारी,
नवयुग की गा रही आरती,
त्रिकाल विजयी संकल्पों की,
नवपुरुषार्थ करेगा पूर्ती,
अखिल विश्व मे सुख शान्ती हो,
जनमानस का यह सन्कीर्तन।

नव युग के नव आव्हानों को,
नवसाहस से स्वीकारेंगे,
भूतकाल पर विजय प्राप्त कर,
नव विक्रमध्वज लहरायेंगे,
विश्व धर्म का अमृत देंगे,
आर्त जगत का यह संजीवन।
 



वसुन्धरा परिवार हमारा हिन्दु का यह विशाल चिन्तन || प्रेरक देशभक्ति गीत ||

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