वो मुरली याद आती है सुन कान्हा भजन लिरिक्स
वो मुरली याद आती है सुन कान्हा लिरिक्स Wo Murali Yaad Bhajan
ये तेरी रस भरी मुरली,मेरे मन को तड़पाती है,
वो मुरली याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
मुरली ना बजा।
तुम्हारी याद में कान्हा,
मैं दिन दिन भटकती हूं,
जो आई रात तैरन को,
मैं मछली सी तड़पती हूं,
ये तेरी सांवरी सूरत,
मेरे मन को तड़पाती है,
वो सूरत याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
वो मुरली याद आती है।
सुना है आपने मथुरा में,
पापी कंस को मारा,
बचाए देव की वसुदेव,
दुलारा नन्द के लाला,
बचायी लाज द्रोपद की,
घटी ना पांच गज साड़ी,
वो साड़ी याद आती है,
वो सूरत याद आती है।
ये तेरी रस भरी मुरली,
मेरे मन को लुभाती है,
वो मुरली याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
मुरली ना बजा,
ओ मुरली याद आती है,
वो मुरली याद आती है।
वो मुरली याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
मुरली ना बजा।
तुम्हारी याद में कान्हा,
मैं दिन दिन भटकती हूं,
जो आई रात तैरन को,
मैं मछली सी तड़पती हूं,
ये तेरी सांवरी सूरत,
मेरे मन को तड़पाती है,
वो सूरत याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
वो मुरली याद आती है।
सुना है आपने मथुरा में,
पापी कंस को मारा,
बचाए देव की वसुदेव,
दुलारा नन्द के लाला,
बचायी लाज द्रोपद की,
घटी ना पांच गज साड़ी,
वो साड़ी याद आती है,
वो सूरत याद आती है।
ये तेरी रस भरी मुरली,
मेरे मन को लुभाती है,
वो मुरली याद आती है,
सुन कान्हा सुन,
सुन कान्हा सुन,
मुरली ना बजा,
ओ मुरली याद आती है,
वो मुरली याद आती है।
न्यू बैस्ट हिन्दी भजन || वो मुरली याद आती हैं || bo murli yaad aati hai
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Author - Saroj Jangir
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