गंगा मैया ओ गंगा मैया थे पार करो नैया
गंगा मैया ओ गंगा मैया थे पार करो नैया
गंगा मैया ओ गंगा मैया,गंगा मैया थे पार करो नैया,
इस भवसागर से,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
देवलोक से बन आयी,
प्रचंड जल धारा,
देवलोक से बन आयी,
प्रचंड जल धारा,
गंगाजल से पावन हो गया,
हिन्दुस्तान हमारा,
जय हो गंगा माँ जय हो गंगा,
जय हो गंगा करो शीतल अंगा,
तेरे पावन जल से,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
लहर तरंग मैया पावन तेरी होती,
लहर तरंग मैया पावन तेरी होती,
कंकर भी नहाके बन जाते मोती,
सबको प्यारा है सबको प्यारा,
सबको प्यारा गंगा का किनारा,
लेलो अपने आंचल मे,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
वापस नही आते,
पत्थर हाथ से जो छूटते,
वापस नही आते,
पत्थर हाथ से जो छूटते,
जो किया कर्म हमने,
मिटा नही सकते,
तुम हो गंगा माँ तुम हो गंगा,
तुम हो गंगा दाग हमे जो लगा,
धोय अंत शुद्ध करदे,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
एक डुबकी माता की,
दूजी अर्पण पिता को,
एक डुबकी माता की,
दूजी अर्पण पिता को,
तीजी नाम सतगुरू के,
चौथी डुबकी गंगा को,
पाप हरके माँ पाप हरके,
पाप हरके मुक्ति माँ करके,
लेजाना वैकुण्ठ मे,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
एक त्रिवेणी गंगा मेरी,
दुजा नही सहारा,
माली छवर सतगुरु के शरणे,
सबका करो उधारा,
एक त्रिवेणी गंगा मेरी,
दुजा नही सहारा,
माली छवर सतगुरु के शरणे,
सबका करो उद्धारा,
उज्जैन काशी माँ उज्जैन काशी,
उज्जैन काशी हरिद्वार नासिक,
प्रयाग मोक्षनी गंगे,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
गंगा मैया ओ गंगा मैया,
गंगा मैया थे पार करो नैया,
इस भवसागर से,
तेरी शीतल लहर तरंगे,
तुम पतित पावन गंगे,
महाकुम्भ मे तन धुले गंगे,
तो तिर जावे एक पल में।
Ganga Maiya Paar Karo Naiyya