मन रे कृष्ण नाम कह लीजे
मन रे कृष्ण नाम कह लीजे
मन रे कृष्ण नाम कह लीजे,मन रे कृष्ण नाम कह लीजे,
बांके बिहारी कह लीजे।
गुरु के वचन सत्य कर मानहूं,
साधु समागम कीजे,
पढ़िये सुनिये भगति भगवद,
और कहां तप कीजे,
मन रे कृष्ण नाम कह लीजे।
कानन दूसरो नाम सुने नहीं,
एक ही रंग रंग्यो यह डोरो,
धोख्यो से दूसरो नाम कड़े रसना,
रसिक काढ़ी हलाहल बोरो,
ठाकुर चित्त की वृत्ति यही,
अब कैसेहुं टेक तजे नहीं भोरो,
बावरी वै अंखियां जरी जाहि,
जो सावरो छाड़ी निहारत गोरों।
कृष्ण नाम रस भयो जात है,
तृषावंत है पीजे,
सूरदास हरि शरण ताकिये,
विरथा काहे जीजे,
मन रे कृष्ण नाम कह लीजे।
मन रे कृष्ण नाम कह लीजै by Krishna Chandra thakurji-गोविन्द का सर्वाधिक भाव-विभोर करने वाला भजन!!