अपने भगतों की ख़ातिर, जग से लड़ सकता है, वो शीष का दानी है, कुछ भी कर सकता है, संकट के पीछे संकट, बन के पड़ सकता है वो शीष का दानी है, कुछ भी कर सकता है।
माँगने का अगर सहूर होगा, मेरा वादा है हर दुख दूर होगा दिल से तुम याद करके देखो तो, सामने साँवरा ज़रूर होगा, छोटी झोली को सागर, जितना भर सकता है, वो शीष का दानी है, कुछ भी कर सकता है।
सच्चे मन से जो इसका नाम लेता, बिन बताये ये सब कुछ जान लेता, भीड़ में प्रेमी को पहचान लेता, साँवरा आकर उँगली थाम लेता, दिल में क्या है राज़ छुपा, पल में पढ़ सकता है, वो शीष का दानी है, कुछ भी कर सकता है।
काट देगा बाबा जंजाल तेरा, होगा परिवार भी खुशहाल तेरा बाँका ना होने देगा बाल तेरा, कुछ भी कर पायेगा न काल तेरा, मोहित हो तो काल को भी, चाँटा जड़ सकता है वो शीष का दानी है, कुछ भी कर सकता है।
Trending Bhajan । वो शीष का दानी है । Wo Sheesh Ka Daani Hai । कुछ भी कर सकता है । Mohit Sai Ji